From Aug Print Issue Where […]
Matang’s agitation for 8% reservation within Schedule Caste
On 28th December, near Bandra […]
है तमाशा ये क्या ! १ अगस्त : अण्णाभाऊ साठे जयंती
जहाँ आज की मीडिया प्रजातान्त्रिक हुकूमत के सामने रेंगती हुई पाई जाती है, जो किसी के शमशान की यात्रा को या तो अनेक रंगों से सबोरती है या अपना कैमरों में ही कफ़न लगा देती है, वो समय जहाँ सरकार कलाकारों से लेकर हर वो स्वतंत्रता के मंजर पर प्रतिबन्ध लगाने पे तुली हैं, अण्णाभाऊ की लोक तमाशा एक मार्गदर्शक के रूप में नजर आती है